कोने रंग लगांंव, कोनेे रंग लगांंव कोने रंग लगांंव, आसो के होरी मा । कोने अंग पिऊरा रे, कोने अंग लाल कोने अंग लाल कोने अंग हरियर रे, कोने अंग गुलाल कोने अंग गुलाल कोने रंग लगांव, आसो के होरी मा । पिऊरा रंग ले, तोला पिऊरावंव के मांघ सजावंव लाल माघ सजावंव लाल हाथ हरियर चूरी कस, ओठ गुलाबी गुलाल ओठ गुलाबी गुलाल कोने रंग लगांंव, आसो के होरी मा । रंग-रंग के हाथ मा, धरे हंंव गुलाल धरे हंव गुलाल तोला रंगे बिना रे गोरी, कइसे मोर तिहार कइसे मोर तिहार कोने रंग लगांंव, आसो के होरी मा । -रमेश चौहान
व्यंग्य:कायेको झगड़ा भैया,करो सबसे प्रीत रे-विनोद नायक
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॥ कायेको झगड़ा भैया,करो सबसे प्रीत रे ॥ झगड़ा हो तो उसकी जड़ भी हो वरना
बिना जड़ के झगड़े ऐसे होते जैसे बिना मतलब के कुत्ते के मुँह में डण्डी
चलाना। जब डण्...
16 घंटे पहले