एक अकेला आय तै, जाबे तै हर एक । का गवाय का पाय हस, ध्यान लगा के देख । ध्यान लगा के देख, करे काखर हस तै जै । मनखे चोला पाय, बने हस का मनखे तै ।। मनखेपन भगवान, जेन हा लगय झमेला । पूजे का भगवान, होय तै एक अकेला ।। -रमेश चौहान
महाकुंभ 2025: प्रयागराज में आस्था और संस्कृति का महासंगम
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प्रयागराज, जिसे त्रिवेणी संगम के लिए जाना जाता है, इस वर्ष महाकुंभ के पावन
अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं, साधु-संतों और पर्यटकों का स्वागत कर रहा है।
महाकुंभ क...
2 हफ़्ते पहले