ज्ञानी आखर के कभू, होथे कहां गुलाम । पढ़े-लिखे हर आदमी, होवय ना विद्वान ।। होवय ना विद्वान, रटे ले पोथी पतरा । साकुर करे विचार, धरे पोटारे कचरा ।। अपन सोच ल बिसार, पिये दूसर के पानी । पढ़े-लिखे के काम, होय ओ कइसे ज्ञानी ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
5 दिन पहले