बॉट-बॉट के फोकट म मूरख हमला बनावत हे पढ़े-लिखे नोनी-बाबू के, गाँव-गाँव म बाढ़ हे काम-बुता लइका मन खोजय येखर कहां जुगाड़ हे बेरोजगारी भत्ता बॉट-बॉट वाहवाही तो पावत हे गली-गली हर गाँव के बेजाकब्जा म छेकाय हे गली-गली के नाली हा लद्दी म बजबजाय हे छत्तीगढ़िया सबले बढ़िया गाना हमला सुनावत हे जात-पात म बाँट-बाँट के बनवात हे सामाजिक भवन गली-खोर उबड़-खाबड़ गाँव के पीरा काला कहन सपना देखा-देखा के वोट बैंक बनावत हे मास्टर पढ़ाई के छोड़ बाकी सबो बुता करत हे हमर लइका घात होषियार आघूच-आघूच बढ़त हे दिमाग देहे बर लइका मन ला थारी भर भात खवावत हे गाँव म डॉक्टर बिन मनखे बीमारी मा मरत हे कोरट के पेशी के जोहा म हमर केस सरत हे करमचारी के अतका कमी अपने स्टाफ बढ़ावत हे महिला कमाण्ड़ो घूम-घूम दरूवहा मन ला डरूवावय गाँव के बिगड़े शांति ल लाठी धर के मनावय जनता के पुलिस ला धर वो हा दारू बेचवावत हे
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले