तै संगी मोला, तरसा चोला, मारी डारे, काबर ना । गे कबके विदेश, भेजे संदेश, एको पाती, चाकर ना ।। जे दिन ले आएं, तै ना भाएं, एको चिटीक, मोला रे । तै पइसा होगे, किस्मत सोगे, गे उमर बीत, भोला रे ।।
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले