आगे दिन बइसाख के, हवा चलत हे तात । हरर हरर के दिन हवय, कोनो ल कहां भात ।। कोनो ल कहां भात, पसीना तर तर आथे । सब प्राणी ला आज, छांव अउ ठंड़ा भाथे ।। पंखा कूलर फ्रीज, बने सब झन ला लागे । बाढ़े करसी भाव, देख रे गरमी आगे ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
5 दिन पहले