सुत उठ के देख तो, बबा मांगय चाय । लइका मन अब ले सुते, देख बबा चिल्लाय ।। देख बबा चिल्लाय, कोडि़हा नाती नतुरा । दू आखर ला जान, कहे अपने ला चतुरा ।। उवत सुरूज ला देख, बेटवा झन तो तै रूठ । हवे फायदा घात, बिहनिया तै तो सुत उठ ।।
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले