देखत रद्दा तोर गा, आंखी गे पथराय। संझा आहूू तै कहे, अब ले नइ तो आय ।। अब ले नइ तो आय, तोर कोनो संदेशा । फरकत आंखी मोर, लगत मोला अंदेशा ।। होबे कोनो मेर, बने गदहा कस रेकत । पिये छकत ले दारू, परे होबे तै देखत ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
5 दिन पहले