नवा बछर तिहार असन, बाॅटय खुशी हजार । ले लव ले लव तुम अपन, दूनों हाथ पसार ।। नवा नवा मा हे भरे, नवा खुशी के आश । छोड़ बात दुख के अपन, मन मा भर बिसवास ।। काली होगे काल के, ओखर बात बिसार । नवा बछर तिहार असन नवा बछर के आय ले, मिटही सब तकलीफ । जेन चोर बदमाश हे, बनही बने शरीफ । काम बुता जब हाथ मा, होही झारा झार । नवा बछर तिहार असन चमकत हे परकाश कस, नवा बछर हा घोर । अंधियार ला मेटही, धरे हवे अंजोर ।। मन मा धर बिसवास तै, अपने काम सवार । नवा बछर तिहार असन
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
1 दिन पहले