झेल घाम बरसात ला, चमड़ी होगे पोठ । नाती ले कहिथे बबा, मान सियानी गोठ ।। चमक दमक ला देख के, बाबू झन तैं मात । चमक दमक धोखा हवय, मानव मोरे बात ।। मान अपन संस्कार ला, मान अपन परिवार । झूठ लबारी छोड़ के, अपने अंतस झार ।। मनखे अउ भगवान के, हवय एक ठन रीत । सबला तैं हर मोह ले, देके अपन पिरीत ।। बाबू मोरे बात मा, देबे तैं हर ध्यान । सोच समझ के हे कहत, तोरे अपन सियान ।। कहि दे छाती तान के, हम तोरे ले पोठ । चाहे कतको होय रे, कठिनाई हा रोठ ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
-
‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
2 दिन पहले