तोर मया ला पाके मोर करेजा मा धड़कन फेरे जागे तोर बिना रे जोही सुन्ना हे अँगना जिनगी के का होही देत मिले बर किरया मन मा तैं बइठे तैं हस कहां दूरिहा जिनगी के हर दुख मा ये मन ह थिराथे तोर मया के रूख मा सपना देखय आँखी तीर म मन मोरे जावंव खोले पाँखी
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
6 दिन पहले