शत्रु मारे देश के तैं, लांघ सीमा पार । हमर ताकत हवय कतका, जानगे संसार ।। नोटबंदी झेल जनता, खड़े रहिगे संग । देश बर हे मया कतका, शत्रु देखे दंग ।। हमर सैनिक हमर धरती, हमर ये पहिचान । मान अउ सम्मान इंखर, हमर तैं हा जान । झेल पथरा शत्रु के तै, सहे अत्याचार । हमर सैनिक मार खावय, बने तै लाचार ।। फैसला तैं खूब लेथस, मौन काबर आज । सहत हस अपमान काबर, हवय तोरे राज ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
5 दिन पहले