नांगर बइला फांद, अर्र-तता रगियाये जब-जब धनहा मा, किसनहा गाँव के । दुनिया के रचयिता, जग पालन करता दुनिया ला सिरजाये, ब्रम्हा बिष्णु नाम के ।। धरती दाई के कोरा, अन्न धरे बोरा-बोरा दूनो हाथ उलचय, किसान के कोठी मा । तर-तर बोहावय, जब-तक ओ पसीना तब-तक जनाही ग, स्वाद तोर रोटी मा ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
3 दिन पहले