गली गली छेकाय अब, रद्दा रेंगव देख । चाकर दिखय गली कहू, ओला तैले छेक ।। बनवा लव चैरा बने, बाजू पथरा गाड़ । अऊ पानी निकल दव, गली म जावय माड़ ।। रद्दा छेके तै बने, दूसर बर चिल्लाय । अपन आघू म शेर तै, पाछू म मिमीआय ।। गली अब कोलकी बने, बने न आवत जात । मतलब कोनो ला कहां, मतलबीया जमात ।। छोकरी दिखय छोकरा, जिंस पेंट फटकाय । कनिहा ले बेनी कहां, चुन्दी ले कटवाय ।। छोकरा दिखय छोकरी, लंबा चुन्दी भाय । चिक्कन चांदर गाल हे, मेछा हे मुड़वाय ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
4 दिन पहले