बइठे-बइठे कोन हा,देही हमला खाय । कोन कहय पर ला इहां, अपने हा चिल्लाय ।। अपने हा चिल्लाय, वाह रे जांगर चोट्टा । चुहक-चुहक के खून, जोंख कस होगे रोठ्ठा । कह ‘रमेश‘ कविराय, जगत हे अइठे-अइठे ।। हाथ-गोड़ ला पाय, रहव मत बइठे-बइठे ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
5 दिन पहले