रंधहनी मा झाक तो, कइसे बनथे भात । माई लोगिन का करे, कइसे ओ सिरजात ।। कइसे ओ सिरजात, चूलहा मा आगी जी । कइसे रांधे भात, रांधते कइसे भाजी जी ।। दया मया ला डार, बनाये हवय सही मा । जेवन हर ममहाय, तभे तो रंधहनी मा ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
5 दिन पहले