बबा पहर मा खोर गली हा, लागय कोला बारी । ददा पहर मा बइला गाड़ी, आवय हमर दुवारी, । नवा जमाना के काम नवा, नवा नवा घर कुरिया । नवा-नवा फेषन के आये, जुन्ना होगे फरिया ।। सब पैठा रेंगान टूटगे, टूटगे हे ओरवाती । तभो गली के काबर अब तो, छोटे लागय छाती ।। घर ओही हे पारा ओही, खोर गली ओही हे । गुदा-गुदा दिखय नही अब तो, बाचे बस गोही हे । मोर पहर के बात अलग हे, फटफटी न आवय । चोरी होगे खोर गली हा, पता न कोनो पावय ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
4 दिन पहले