राम कथा मनखे सुनय, धरय नहीं कुछु कान । करम राम कस करय नहि, मारत रहिथे शान ।। राम भरत के सुन कथा, कोने करय बिचार । भाई भाई होत हे, धन दौलत बेकार ।। दान करे हे राम हा, जीते लंका राज । बेजा कब्जा के इहाँ, काबर हे सम्राज ।। गौ माता के उद्धार बर, जनम धरे हे राम । चरिया परिया छेक के, मनखे करथे नाम ।। करम जगत मा सार हे, रामायण के काम । करम करत रावण बनव, चाहे बन जौ राम । नैतिक शिक्षा बिन पढे, सब शिक्षा बेकार । थोर बहुत तो मान ले, मनखे बन संसार ।। -रमेश चौहान
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
1 दिन पहले