आजादी हे बोलब के, तभे फूटत बोल । सहिष्णुता के ढाल धऱे, बजावत हस ढोल ।। देश तोरे राज तोरे, अपन अक्कल खोल । बैरी कोन काखर हवे, तहुँ थोकिन टटोल ।। जतका कर सकस कर बने, सत्ता के विरोध । लोकतंत्र मा छूट हवे, कोनो डहर ओध ।। दाई असन हवय धरती, देश ला मत बाँट । आनी-बानी बक बक के, माथा ल झन चाट ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
1 दिन पहले