दारू म छठ्ठी छकत हवय गा, दारू म होय बिहाव । दारू म मरनी-हरनी होवय, मनखे करे हियाव ।। दरूहा-दरूहा के रेम लगे, सजे रहय दरबार । दारू चुनावी दंगल गढ़थे, अउ गढ़थे सरकार ।। गली-गली मा शोर परत हे, भठ्ठी ल करव बंद । पीयब छोड़ब कहय न कोनो, कहय रमेशानंद ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
3 दिन पहले