कइसन जग मा रीत बनाये, प्रेम डोर मा सब बंधाये । मिलन संग मा बिछुडन जग मा, फेरे काबर राम बनाये ।। छुटे प्राण ये भले देह ले, हो .......... 2 मया कोखरो झन छूटय, कभू करेजा झन टूटय जग बैरी चाहे हो जावय, हो.........2 मया कोखरो झन रूठय भाग कोखरो झन फूटय लोरिक-चंदा हीरे-रांझा, प्रेम जहर ला मन भर पीये । मरय मया मा दूनों प्रेमी, अपन मया बर जिनगी जीये ।। छुटे प्राण ये भले देह ले, हो .......... 2 मया कोखरो झन छूटय, कभू करेजा झन टूटय जग बैरी चाहे हो जावय, हो.........2 मया कोखरो झन रूठय भाग कोखरो झन फूटय काया बर तो हृदय बनाये, जेमा तो मया जगाये । फेरे काबर रामा तैं हा, आगी काबर येमा लगाये । छुटे प्राण ये भले देह ले, हो .......... 2 मया कोखरो झन छूटय, कभू करेजा झन टूटय जग बैरी चाहे हो जावय, हो.........2 मया कोखरो झन रूठय भाग कोखरो झन फूटय
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
5 दिन पहले