सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

कतका झन देखे हें-

बर-पीपर के तुमा-कोहड़ा

बर-पीपर के तुमा-कोहड़ा (समान सवैया छंद) बर-पीपर के ओ रूख राई, धीरे-धरे तो बाढ़त जावय । बाढ़त-बाढ़त ठाड़ खड़ा हो, कई बरस ले तब इतरावय ।। तुमा-कोहड़ा नार-बियारे, देखत-देखत गहुदत  जावय । चारे महिना बड़ इतराये, खुद-बा-खुद ओ फेर सुखावय । -रमेशकुमार सिंह चौहान

अंगाकर रोटी

अंगाकर रोटी कड़क, सबला गजब मिठाय । घी-शक्कर के संग मा, सबला घात सुहाय ।। सबला घात सुहाय, ससनभर के सब खाथे । चटनी कूर अथान, संग मा घला सुहाथे ।। तहुँहर खाव ‘रमेश’, छोड़ के सब मसमोटी । जांगर करथे काम, खात अंगाकर रोटी ।। आघू पढ़व...

सुन रे भोला

बनव-बनव मनखे, सबझन तनके, माटी कस सनके, बाँह धरे । खुद ला पहिचानव, खुद ला मानव, खुद ला सानव, एक करे ।। ईश्वर के जाये, ये तन पाये, तभो भुलाये, फेर परे । तैं अलग मानथस, खुद ल जानथस, घात तानथस, अलग खड़े ।। आघू पढ़व

बेजाकब्जा

बेजाकब्जा हा हवय, बड़े समस्या यार । येहू एक प्रकार के, आवय भ्रष्चाचार ।। आवय भ्रष्टाचार,  जगह सरकारी घेरब । हाट बाट अउ खार,  दुवारी मा आँखी फेरब ।। सुनलव कहय रमेश, सोच के ढिल्ला कब्जा । जेलव देखव तेन, करत हे बेजा कब्जा ।। चारों कोती देश मा, हवय समस्या झार । सबो समस्या ले बड़े, बेजाकब्जा यार ।। बेजाकब्जा यार,  झाड़-रुख ला सब काटे । नदिया तरिया छेक, धार पानी के पाटे ।। पर्यावरण बेहाल, ढाँक मुँह करिया धोती । साकुर-साकुर देख, गली हे चारों कोती । -रमेश चौहान -

आसों के जाड़

आसों के ये जाड़ मा, बाजत हावय दांत । सुरूर-सुरूर सुर्रा चलत, आगी घाम नगांत ।। आगी घाम नगांत, डोकरी दाई लइका । कका लमाये लात,  सुते ओधाये फइका ।। गुलगुल भजिया खात, गोरसी तापत हासों । कतका दिन के बाद, परस हे जाड़ा आसों ।। आघू पढ़व

मैं माटी के दीया

नवगीत मैं माटी के दीया वाह रे देवारी तिहार मनखे कस दगा देवत हस जीयत भर संग देहूँ कहिके सात वचन खाये रहेय । जब-जब आहूँ, तोर संग आहूँ कहिके मोला रद्दा देखाय रहेय कइसे कहँव तही सोच मोर अवरदा तेही लेवत हस मैं माटी के दीया अबला प्राणी का तोर बिगाड़ लेहूँ सउत दोखही रिगबिग लाइट ओखरो संताप अंतस गाड़ लेहूँ मजा करत तैं दुनिया मा अपने ढोंगा खेवत हस

बिना बोले बोलत हे

गाले मा हे लाली,  आँखी मा हे काजर, ओठ गुलाबी चमके, बिना ओ श्रृंगार के । मुच-मुच मुस्कावय, कभू खिलखिलावय बिना बोले बोलत हे, आँखी आँखी डार के ।।

मोर दूसर ब्लॉग