मंजिल पाना जब हवे, हिम्मत बने बटोर । आघू आघू रेंग तैं, पाछू ला झन देख । गय दिन हा बहुरा नही, बदल भाग के रेख । छोड़ कुलुप के फेर ला, आघू मा हे अंजोर ।। मंजिल पाना जब हवे.... मन के हारे हार हे, करले लाख उपाय । पग पग मा हे जीत हा, जब मन बने सहाय ।। मन तो तोरे पास मा, मन के तारे ला जोर ।। मंजिल पाना जब हवे.... जीवन के तकलीफ ला, अपन परीक्षा मान । सोना आगी मा तपे, कुंदन बने महान ।। हरिशचंद ला याद कर, कष्ट सहे हे घोर ।। मंजिल पाना जब हवे....
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले