मंजिल पाना जब हवे, हिम्मत बने बटोर ।
आघू आघू रेंग तैं, पाछू ला झन देख ।
गय दिन हा बहुरा नही, बदल भाग के रेख ।
छोड़ कुलुप के फेर ला, आघू मा हे अंजोर ।। मंजिल पाना जब हवे....
मन के हारे हार हे, करले लाख उपाय ।
पग पग मा हे जीत हा, जब मन बने सहाय ।।
मन तो तोरे पास मा, मन के तारे ला जोर ।। मंजिल पाना जब हवे....
जीवन के तकलीफ ला, अपन परीक्षा मान ।
सोना आगी मा तपे, कुंदन बने महान ।।
हरिशचंद ला याद कर, कष्ट सहे हे घोर ।। मंजिल पाना जब हवे....
आघू आघू रेंग तैं, पाछू ला झन देख ।
गय दिन हा बहुरा नही, बदल भाग के रेख ।
छोड़ कुलुप के फेर ला, आघू मा हे अंजोर ।। मंजिल पाना जब हवे....
मन के हारे हार हे, करले लाख उपाय ।
पग पग मा हे जीत हा, जब मन बने सहाय ।।
मन तो तोरे पास मा, मन के तारे ला जोर ।। मंजिल पाना जब हवे....
जीवन के तकलीफ ला, अपन परीक्षा मान ।
सोना आगी मा तपे, कुंदन बने महान ।।
हरिशचंद ला याद कर, कष्ट सहे हे घोर ।। मंजिल पाना जब हवे....
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