फोकट मा कुछु पाय बर, हे खड़े एक गोड़ । स्वाभिमान ला बेच के, बइठे माड़ी मोड़ ।। बइठे माड़ी मोड़, चहेटय आनी बानी । अपन आप ला बेच, करव मत ग सियानी ।। नेता अउ सरकार, नाक रगड़े हे चैखट मा । स्वाभिमान हे जान, झोक मत कुछु फोकट मा ।। -रमेश चौहान
Protected: जरथुश्त्र: ईरान के महान् पैगम्बर और मज़द-उपासना के प्रवर्तक
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6 दिन पहले