सावन तैं करिया बिलवा हस, तैं छलिया जस कृष्ण मुरारी । जोहत-जोहत रोवत हावँव, आत नई हस मोर दुवारी ।। बूँद कहां तरिया नरवा कुछु बोर कुवाँ नल हे दुखियारी । बावत धान जरे धनहा अब रो...
छत्तीसगढ़ के प्रख्यात साहित्यकार एवं शिक्षाविद डिहुर राम निर्वाण ‘प्रतप्त’
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छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकधारा और साहित्यिक परंपरा में अनेक ऐसे रचनाकार हुए
हैं जिन्होंने न केवल साहित्य को नई दिशा दी बल्कि समाज को जागरूक और
प्रगतिशील बनाने...
1 दिन पहले