डमरू घनाक्षरी (32 वर्ण लघु) सुनत-गुनत चुप, सहत-रहत गुप दुख मन न छुवत, दुखित रहय तन । बम-बम हर-हर, शिव चरण गहत, शिव-शिव शिव अस, जग दुख भर मन ।। समय-समय गुन, परख-परख रख भगत जुगल कर, शिव पद रख तन । हरियर-हरियर, ठउर-ठउर सब हरियर-हरियर, दिखय सबन मन ।। -रमेश चैहान
एक लघु आलेख:अब युद्ध क्यों होते हैं? – डॉ. अर्जुन दूबे
-
त्रेता युग में रचा गया राम-रावण युद्ध भारतीय इतिहास की उस पहली महान कथा का
रूप ले चुका है, जिसमें धर्म और अधर्म के बीच की रेखा स्पष्ट खींच दी…
1 हफ़्ते पहले