खेले बिजली खेल (कुण्डलियां) चमनी-कंड़िल हे नहीं, नइ हे माटीतेल । अंधियार तो घर परे, खेले बिजली खेल ।। खेले बिजली खेल, कहत मोला छू लेवव । खेलत छू-छूवाल, दॉव मोरे दे देदव ।। धन-धन हवय ‘रमेश’, टार्च मोबाइल ठिमनी ।। घर मा लाइन गोल, नई हे कंडिल-चिमनी ।।
हम छत्तीसगढिया हावन-सुरेन्द्र अग्निहोत्री”आगी”
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हम छत्तीसगढिया हावनहम सबले बढिया हावनहम बासी चटनी खाथनअउ जांगर तोड कमाथनछल
कपट ल हम नई जाननसब ल अपनेच हम मानन सागर म जस नदिया समाएसब झन ह मन म
हमाएनहीं बैर...
23 घंटे पहले