//बनिहार// आज जेला देखव तेने हा बनिहार के गुण गावत नई अघावत हे चारोकोती आँखी मा जउन कुछ दिखत हे बनिहार के पसीना मा सनाय हे काली मोर गाँव के दाऊ कहत रहिस काली जेन बनिहार हमर पाँव परत रहिस आज ओखर पाँव परे ला होगे हे सालेमन के ओहू आज लिखिस "मजदूर दिवस की शुभकामना"
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले