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कतका झन देखे हें-

लहर लहर लहराये मइया, तोरे जोत जंवारा

लहर लहर लहराये मइया, तोरे जोत जंवारा । तोरे जोत जंवारा, हो मइया, तोरे जोत जंवारा ।। अम्मावस के भींजे बिरही, मइया ला परघाये । मान मनौती एकम के सब, घी ले जोत जलाये । तोर रूप बिरवा मा आये, जग के होय सहारा । जग के होय सहारा, हो मइया, जग के होय सहारा लहर लहर लहराये मइया, तोरे जोत जंवारा । तोरे जोत जंवारा, हो मइया, तोरे जोत जंवारा ।। भगतन के श्रद्धा ले बिरवा, हाॅसत बाढ़त जावय देव लोक ले देवन आये, तोरे जस ला गावय ।। नव दिन नव राते ले मइया, होय तोर जयकारा । होय तोर जयकारा, हो मइया, होय तोर जयकारा लहर लहर लहराये मइया, तोरे जोत जंवारा । तोरे जोत जंवारा, हो मइया, तोरे जोत जंवारा ।।

मैं पगला तैं पगली होगे (युगल गीत)

नायक- मैं पगला तैं पगली होगे, बोले ना कुछु बैना । ठाढ़े ठाढ़े देखत रहिगे, गोठ करे जब नैना । नयिका- मैं पगली तैं पगला होगे, बोले ना कुछु  बैना । ठाढ़े ठाढ़े देखत रहिगे, गोठ करे जब नैना । नायक- तोरे हाॅसी फासी होगे, जीना मरना एके । तोला छोड़े रेगंव जब जब, हाॅसी रद्दा छेके । तोर बिना जोही अब मोला, आवय नही कुछु चैना । मैं पगला तैं पगली होगे....... नायिका- धक धक जियरा मोरे करथे, देखे बर गा तोला । तोर बिना अब का राखे हे, का मन अउ का चोला । सांस सांस मा बसे हवस तैं, मिलय कहां अब चैना । मैं पगली तैं पगला होगे.... नायक- मैं पाठा के मछरी जइसे, खोजत रहिथव पानी । जी मा जी तब आही जब तैं, होबे घर के रानी । डोला साजे तोला लाहू, सुन ले ओ फुलकैना । मैं पगला तैं पगली होगे....... नायिका- सुवा पिंजरा के जइसे मैं हर, खोलत रहिथंव पांखी । दाना पानी छोड़े बइठे, पानी ढारंव आंखी । आही मोरे राजकुवर हा, काटे बर ये रैना । मैं पगली तैं पगला होगे....

जय हो जय हो भारत माता

जय हो जय हो भारत माता, तोरे जस हम गावन । सुत उठ के बड़े बिहनिया हम, तोरे पांव पखारन । हिन्दू मुस्लिम सिक्ख इसाई, जैन बौद्ध सुत तोरे । अपन अपन सुर मा सउरय सब, दाई दाई मोरे । तोरे कोरा बइठे बइठे, जुरमिल हम इतरावन । जय हो जय हो भारत माता, तोरे जस हम गावन । जम्मू श्रीनगर मुड़ी तोरे, मुकुट हिमालय भाये। शिमला तोरे माथे बिन्दी, दुनिया ला चमकाये ।। नाक नई दिल्ली हे तोरे, नथली हम पहिरावन । जय हो जय हो भारत माता, तोरे जस हम गावन ।। उत्तरकाशी चंड़ीगढ़ हा, आंखी कारी कारी । जयपुर पटना गाल गुलाबी, मथुरा मुॅह अनुहारी । बाड़मेर कच्छ कोहिमा अउ, मणिपुर हाथ सवारन । जय हो जय हो भारत माता, तोरे जस हम गावन ।। गंगा चम्बल गोरस तोरे, अमृत ला छलकाये । छाती भोपाल रायपुर दिल, अन्न धन्न बगराये। तोरे गोरस पीये दाई, हमघात मेछरावन । जय हो जय हो भारत माता, तोरे जस हम गावन ।। (चम्बल-यमुना नदी के सहायक नदी) जगन्नाथ पेट बने हे, हरियर पर्वत साड़ी । जांघ शिमोगा संग कड़प्पा, माहे मदुरै माड़ी रामनाथपुरम संग कोल्लम, तरपौरी मनभावन जय हो जय हो भारत माता, तोरे जस हम गावन ।। मूर्ति गढ़े न मूर्ति पूजा

कुॅवा पार मा (युगल गीत)

नायिका- कुॅवा पार मा मोर मयारू, देखे रहेंव तोला, कुॅवा पार मा कुॅवा पार मा मोर मयारू, देखे रहेंव तोला, कुॅवा पार मा नायक- कुॅवा पार मा मोर करेजा, देखे रहेंव तोला, कुॅवा पार मा कुॅवा पार मा मोर करेजा, देखे रहेंव तोला, कुॅवा पार मा नायिका- सुरता आवत हावे संगी, बीते हमर कहानी । संग सहेली रहिन न कोनो, भरत रहंव मैं पानी ।। कोन डहर ले कब के आयो, खड़े रहे तैं भोला, कुॅवा पार मा कुॅवा पार मा मोर मयारू, देखे रहेंव तोला, कुॅवा पार मा नायक- सुरता के कोठी के छबना, देखत हॅव मैं खोले । देख देख काली के बाते, मन हा मोरे डोले ।। तोरे मोरे आंखी कइसे, तोरे मोरे आंखी कइसे, चढ़े एक हिंडोला, कुॅवा पार मा कुॅवा पार मा मोर करेजा, देखे रहेंव तोला, कुॅवा पार मा नायिका- भरत भरत पानी हउला मा, देखेंव तोर काया । देखत देखत कइसे संगी, जागे तोरे माया ।। आंखी मोरे खुल्ला रहिगे, ...... आंखी मोरे खुल्ला रहिगे, होष रहय ना मोला, कुॅवा पार मा कुॅवा पार मा मोर मयारू, देखे रहेंव तोला, कुॅवा पार मा नायक- उतर सरग ले एक परी हा, भरत रहिस हे पानी । पाके आमा जइसे जेमा, छलकत रहिस जवानी ।। मारू

होरी गीत

होरी गीत(सार छंद)  होरी हे होरी हे होरी, रंग मया के होरी । अपन मया के रंग रंग दे, ये बालम बरजोरी ।। मया बिना जग सुन्ना लागे, जइसे  घर धंधाये । जतका रंग मया के होथे, मन मा मोर समाये ।। कतका दिन ले आरूग राखॅव, मया चबेना होगे । काली के फूल डोहड़ी हा, फूल कैयना होगे । मन के दरपण तैं हा बइठे, करे करेजा चोरी । होरी हे होरी हे होरी ........ साटी बिछिया खिनवा मोरे, दिन रात गोहराये । ऑंखी के आंजे काजर हा, मोही ला भरमाये ।। कतका दिन के रद्दा जोहत, बेरा अइसन आये । राधा के बनवारी कान्हा, बसुरी आज बजाये ।। ये मोरे तैं करिया बिलवा, रंग मोर मुॅह गोरी । होरी हे होरी हे होरी......

दरत हवय छाती मा कोदो

दरत हवय छाती मा कोदो,  होके हमरे भाई । हमरे घर मा संगे रहिके, मुॅह ले फोरय लाई ।। कोड़त हावे घर के भिथिया, हाथ धरे ओ साबर । ऐही घर मा पले बढ़े हे, बैरी होगे काबर ।। बात परोसी के माने हे, घर मा कोड़े खाई । दरत हवय छाती मा कोदो,  होके हमरे भाई । हम जेला तो आमा कहिथन, ओ हर कहिथे अमली । घात करे बर बइठे रहिथे, ओढ़े ओ हर कमली । जुझय नही ओ बैरी मेरा, घर मा करे लड़ाई  । दरत हवय छाती मा कोदो,  होके हमरे भाई । अपने घर ला फोर खड़े हे, तभो कहय मैं बेटा । मुॅह मा ओखर आगी लागे, घर हा फसे चपेटा । करे हवय ये बारे आगी, बैरी के अगुवाई । दरत हवय छाती मा कोदो,  होके हमरे भाई । बेटा ओ तो ओखर  आवय, ये घर जेन बसाये । काखर फांदा फस के वो हर, आगी इहां लगाये । दाई के अचरा छोड़े अब, माने ना वो दाई । दरत हवय छाती मा कोदो,  होके हमरे भाई । दाई के आॅखी ले झरथे, झरर झरर अब पानी । सहत हवे अंतस मा पीरा , सुन सुन जहर जुबानी । देख सकव ता देखव बेटा, दाई तोरे अकुलाई । दरत हवय छाती मा कोदो,  होके हमरे भाई ।

मया के रंग

लुहुर तुहुर मोरे मन होगे,तोरे बर रुझवाये । तोरे मुच मुच हँसना गोरी, मोला गजब सुहाये। बैइही बरन मोला लागे, सुन सुन भाखा तोरे । मया घोरे बोली हा तोरे, चिरे करेजा मोरे । कारी कारी चुन्दी तोरे, बादर बन के छाये । झाकत तोरे मुखड़ा गोरी, मोला बड़ भरमाये । आँखी आँखी म मया बोरे, अँखिया बाण चलाये । घायल हिरणीया मन मोरे, तड़प तड़प मर जाये ।। मोरे मन हा अंतस तोरे, बुड़े मया के दहरा । लहर लहर कतका लहराये, तोर मया के लहरा ।। तोर मया मा मन हा रंगे, जइसे दूध म पानी । तैं हर मोरे मन के राजा, मैं हर तोरे रानी ।।

छांट छांट बैरी ला मारव,

चारों कोती देखव संगी, कइसन कुहरा छाये । आतंक मचावत बैरी मन, बारूद बम्म जलाये ।। जे एन यू मा जुरे कइसे, पाकिस्तानी पीला । दिल्ली प्रेस क्लब म बैरी मन, करे कोन ओ लीला ।। हीरो करे देशद्रोही ला, बैरी मन मतियाये । हमरे छाती बइठे बैरी, हमला बड़ जिबराये ।। जेने थारी खाये बैरी, छेदा ओमा बनाये । कोन बने बैरी के संगी, कोन इहां रतियाये  ।। कइसन बोले के आजादी, कोन समझ हे पाये । गारी गल्ला हमला देवय, सुन लव घेच नवाये ।। सरकार खोरवा लुलवा हे, कनवा भैरा नेता । कोंदा बन मानवाधिकारी, लागत हे अभिनेता ।। वोट बैंक के लालच बोये, जाति धरम गिनवाये । नकटा कुटहा लोभी मन हा, देश बेच के खाये ।। अपन वोट ला तैं हर कइसे, बेचे हस हटवारा । अपने आंखी खोल निटोरव, जागव झारा झारा ।। सुरूज होय के कुहरा मेटव, जउन देश मा छाये । छांट छांट बैरी ला मारव, जे दुश्मन उपजाये ।।

चमकत रेंगय टूरी

टाॅठ टाॅठ जिन्स पेंट पहिरे, अउ हल हल ले चूरी । बादर कस चुन्दी बगराये, चमकत रेंगय टूरी ।। पुन्नी के चंदा कस मुहरन, गली गली देखाये । अपन देह के रूआब गोरी, डहर डहर बगराये । काजर आंजे आंखी कारी, टूरा मन बर छूरी । बादर कस चुन्दी बगराये, चमकत रेंगय टूरी ।। तन के चुनरी पाछू टांगे, बेग हाथ लटकाये । गली गली हरहिंछा घूमे, कनिहा ला मटकाये । धरे जवानी बरखा आगे, छम छम नाचे मयूरी । बादर कस चुन्दी बगराये, चमकत रेंगय टूरी ।। टाॅठ टाॅठ जिन्स पेंट पहिरे, अउ हल हल ले चूरी । बादर कस चुन्दी बगराये, चमकत रेंगय टूरी ।।

हम छत्तीसगढि़या आन रे

हम छत्तीसगढि़या आन रे, छाती मा चढ़ जाबो । जेन हमर हक लूटय तेला, जुरमिल नगद ठठाबो ।। सीधा-सादा बर हम सीधा, घर अॅगना तो ओखर । जम्मो दुनिया हा जाने हे, हमरे संगत चोखर । नंगरा बनय जेन हमर बर, हमू नंगरा बन जाबो ।। जेन हमर हक लूटय तेला, जुरमिल नगद ठठाबो ।। छत्तीसगढ़ी बोली भाखा, हमर करेजा-चानी। कइसे कोनो कर लेही अब, इहां अपन मनमानी ।। अपन आन-बान शान बर हम, जिनगी दांव लगाबो । जेन हमर हक लूटय तेला, जुरमिल नगद ठठाबो ।। महानदी के निरमल पानी, जहर जेन हे घोरे । हमर चार तेंदु जबरदस्ती, आके जेने टोरे । अइसन बैरी के टोटा धर, गली गली घूमाबो । जेन हमर हक लूटय तेला, जुरमिल नगद ठठाबो ।।

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