होरी गीत(सार छंद)
होरी हे होरी हे होरी, रंग मया के होरी ।
अपन मया के रंग रंग दे, ये बालम बरजोरी ।।
मया बिना जग सुन्ना लागे, जइसे घर धंधाये ।
जतका रंग मया के होथे, मन मा मोर समाये ।।
कतका दिन ले आरूग राखॅव, मया चबेना होगे ।
काली के फूल डोहड़ी हा, फूल कैयना होगे ।
मन के दरपण तैं हा बइठे, करे करेजा चोरी ।
होरी हे होरी हे होरी ........
साटी बिछिया खिनवा मोरे, दिन रात गोहराये ।
ऑंखी के आंजे काजर हा, मोही ला भरमाये ।।
कतका दिन के रद्दा जोहत, बेरा अइसन आये ।
राधा के बनवारी कान्हा, बसुरी आज बजाये ।।
ये मोरे तैं करिया बिलवा, रंग मोर मुॅह गोरी ।
होरी हे होरी हे होरी......
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