नवा बछर तिहार असन, बाॅटय खुशी हजार ।  ले लव ले लव तुम अपन, दूनों हाथ पसार ।।   नवा नवा मा हे भरे, नवा खुशी के आश ।  छोड़ बात दुख के अपन, मन मा भर बिसवास ।।  काली होगे काल के, ओखर बात बिसार । नवा बछर तिहार असन   नवा बछर के आय ले, मिटही सब तकलीफ ।  जेन चोर बदमाश हे, बनही बने शरीफ ।  काम बुता जब हाथ मा, होही झारा झार । नवा बछर तिहार असन   चमकत हे परकाश कस, नवा बछर हा घोर ।  अंधियार ला मेटही, धरे हवे अंजोर ।।  मन मा धर बिसवास तै, अपने काम सवार । नवा बछर तिहार असन     
माँ, मिट्टी और मेहनत : रामेश्वर शर्मा की रचनाएँ
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ग़ज़ल जो जनहित में सृजन हो बस वही पुरनूर होता हैसृजक का लेख हो या गीत वह 
मशहूर होता है हक़ीक़त में अगर तुम प्यार करते हो सुनों यारोंजो दिल में प्यार 
बस जाए न फ...
1 दिन पहले
