पूस धरे जुड़ कापत आवत, देखत घाम लजावत भागे । बादर हे बरसे कुहरा जब, सूरज देव लुकाय लजाके ।। फूल झरे अइलावत जाड़ म डार सफेद करा जब छागे । सोवत हे मनखे मुड़ तोपत, लात सकेलत जाड़ ल पाके । -रमेश चौहान
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले