आॅंखी सपना तै सजा, अपन भाग झन कोस । चमक दमक रख चेहरा, मन मा भर ले जोष ।। मन मा भर ले जोश, काम दम भर कर ले । भाग करम के दास, अपन तै मुठ्ठी भर ले ।। छू ले बादर आज, खोल के डेना पांखी । दुनिया होही तोर, देख ले खोले आंखी ।।
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
5 दिन पहले