भ्रस्टाचारी हे सबो, थोर थोर हे फेर ।
कोनो जांगर के करे, कोनो पइसा हेर ।।
कोनो पइसा हेर, काम सरकारी करथे ।
ले परसेंटेज, जेब अपने वो भरथे ।।
हवय रे काम चोर, करमचारी सरकारी ।
बिना काम के दाम, लेत हें भ्रस्टाचारी ।।
सरकारी सब काम मा, कागज के हे खेल ।
कागज के डोंगा बने, कागज के गा रेल ।।
कागज के गा रेल, उड़ावत हवे हवा मा ।
वेंटिलेटर मरीज, जियत हे जिहां दुवा मा ।।
इक पइसा के काम, होय गा जिहां हजारी ।
काम उही ह कहाय, हमर बर तो सरकारी ।।
कोनो जांगर के करे, कोनो पइसा हेर ।।
कोनो पइसा हेर, काम सरकारी करथे ।
ले परसेंटेज, जेब अपने वो भरथे ।।
हवय रे काम चोर, करमचारी सरकारी ।
बिना काम के दाम, लेत हें भ्रस्टाचारी ।।
सरकारी सब काम मा, कागज के हे खेल ।
कागज के डोंगा बने, कागज के गा रेल ।।
कागज के गा रेल, उड़ावत हवे हवा मा ।
वेंटिलेटर मरीज, जियत हे जिहां दुवा मा ।।
इक पइसा के काम, होय गा जिहां हजारी ।
काम उही ह कहाय, हमर बर तो सरकारी ।।
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