हे गमके महुवा जब पीयर,
पाय नशा जड़ चेतन जागे ।
हो बहिया भवरा जब मातय,
रंग बिरंग कली हर छागे ।।
हे मउरे अमुवा सरसो जब,
ये धरती हर दुल्हन लागे ।
कोयल हे कुहके जब बागन
झूमत नाचत फागुन आगे ।।
छाय बने परसा कलगी बन,
झूम बसंत ले पगड़ी मुड बांधे ।
घाम न जाड़ जनावत हे जब
मंद सुगंध बयार ह आगे।।
पाय नवा जिनगी बुढ़वा रूख
डोलत वो लइका कस लागे ।
झूमय रे तितली जब फूलन
झूमत नाचत फागुन आगे ।।
गावय फाग धरे टिमकी सब
लेत बलावत मोहन राधे ।
हाथ गुलाल धरे मुह पोतय,
मान बुरा मत बोलय साधे ।।
हाथ धरे पिचका लइका हर
रंग भरे अउ डारन लागे ।
रंग गुलाल उड़े जब बादर
झूमत नाचत फागुन आगे ।।
पाय नशा जड़ चेतन जागे ।
हो बहिया भवरा जब मातय,
रंग बिरंग कली हर छागे ।।
हे मउरे अमुवा सरसो जब,
ये धरती हर दुल्हन लागे ।
कोयल हे कुहके जब बागन
झूमत नाचत फागुन आगे ।।
छाय बने परसा कलगी बन,
झूम बसंत ले पगड़ी मुड बांधे ।
घाम न जाड़ जनावत हे जब
मंद सुगंध बयार ह आगे।।
पाय नवा जिनगी बुढ़वा रूख
डोलत वो लइका कस लागे ।
झूमय रे तितली जब फूलन
झूमत नाचत फागुन आगे ।।
गावय फाग धरे टिमकी सब
लेत बलावत मोहन राधे ।
हाथ गुलाल धरे मुह पोतय,
मान बुरा मत बोलय साधे ।।
हाथ धरे पिचका लइका हर
रंग भरे अउ डारन लागे ।
रंग गुलाल उड़े जब बादर
झूमत नाचत फागुन आगे ।।
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