कतको तै हर कूद ले, नइ चलय तोर दांव । सबो फिक्स हे खेल मा, फिक्स हवय हर नाव ।। फिक्स हवय हर नाव, सलेक्सन काखर होही । खुल-खुल हॅसही कोन, कोन माथा धर रोही ।। हे सरकारी काम, तुमन जादा झन भटको । भीड़ा अपन जुगाड़, इहां मिलही रे कतको ।। -रमेश चौहान
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
-
‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
5 दिन पहले