मंजिल पाना जब हवे, हिम्मत बने बटोर । आघू आघू रेंग तैं, पाछू ला झन देख । गय दिन हा बहुरा नही, बदल भाग के रेख । छोड़ कुलुप के फेर ला, आघू मा हे अंजोर ।। मंजिल पाना जब हवे.... मन के हारे हार हे, करले लाख उपाय । पग पग मा हे जीत हा, जब मन बने सहाय ।। मन तो तोरे पास मा, मन के तारे ला जोर ।। मंजिल पाना जब हवे.... जीवन के तकलीफ ला, अपन परीक्षा मान । सोना आगी मा तपे, कुंदन बने महान ।। हरिशचंद ला याद कर, कष्ट सहे हे घोर ।। मंजिल पाना जब हवे....
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
5 दिन पहले