चरण पखारॅंव तोर प्रभु, श्रद्धा भेट चढाय । तोरे मूरत ला अपन, हिरदय रखॅव मढाय ।। हाथी जइसे मुॅह हवय, सूपा जइसे कान । हउला जइसे पेट हे, लइका के भगवान ।। तोरे अइसन रूप हा, तोर भगत ला भाय । चरण पखारॅंव तोर प्रभु.... सहज सरल तो तैं हवस, सब ला देत अषीश । लइका मन तोला अपन, संगी कर डारीष ।। लाये तोरे मूरती, घर-घर मा पघराय । चरण पखारॅंव तोर प्रभु... जम्मो बाधा मेटथस, पाय भगत गोहार । कारज के षुरूवात मा, करथन तोर पुकार ।। विघ्न हरन तब तो जगत, तोरे नाम धराय । चरण पखारॅंव तोर प्रभु..... ...©-रमेश चौहान
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले