शिरड़ी के सांई कहय, सबके मालिक एक । जात धरम काहीं रहय, मनखे होवय नेक ।। सांई दीनानाथ हे, सच्चा संत फकीर । मनखे के सेवा करय, मेटे सबो लकीर ।। अइसन दीनानाथ के, करलव जी अभिशेक । शिरड़ी के सांई कहय...... मनखे के संतान हे, हिन्दू अउ इस्लाम । मनखे के अल्ला खुदा, मनखे के हे राम ।। काबर कोनो फेर तो, डगर खड़े हे छेक । शिरड़ी के सांई कहय.... मनखे के पीरा हरय, सबके सांई नाथ। भूख बिमारी मेट के, सबला करय सनाथ ।। मानव ओखर बात ला, अपने माथा टेक । शिरड़ी के सांई कहय....
छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा भाग-6.परिक्षित के गर्भ मा रक्षा
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‘छत्तीसगढ़ी म भागवत कथा’ एक महाकाव्य के रूप म लिखे जात हे ऐला धीरे-धीरे
कई भाग म प्रकाशित करे जाही । एला श्रीमद्भागवत अउ सुखसागर आधार ग्रंथ ले के
छत्तीस...
1 दिन पहले