मुचुर-मुचुर जब हासय ओ मोटीयारी मया ल तो अनवासय बिहनिया असन छाये चुक लाली-लाली सबके मन ला भाये चिरई कस ओ चहकय खोल अपन पांखी मन बादर मा गमकय फूल डोहड़ी फूले झुमर-झुमर डारा चारो-कोती झूले अंतस मा मया धरे आँखी गढियाये बिन बोले गोठ करे
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले