सुरूज के किरण संग
मन के रेस लगे हे
छिन मा तोला छिन मा मासा
नाना रूप धरे हे
काया पिंजरा के मैना हा
पिंजरा म कहां परे हे
करिया गोरिया सब ला
मन बैरी हा ठगे हे
सरग-नरक ल छिन मा लमरय
सुते-सुते खटिया मा
झरर-झरर बरय बुतावय
जइसे भूरी रहेटिया मा
माया के धुन्धरा म लगथे
मन आत्मा हा सगे हे
मन के जीते जीत हे
हारही कइसे मन ह
रात सुरूज दिखय नही
हरहिंछा घूमय मन ह
‘मैं‘ जानय न अंतर
मन म अइसन पगे हे
मन के रेस लगे हे
छिन मा तोला छिन मा मासा
नाना रूप धरे हे
काया पिंजरा के मैना हा
पिंजरा म कहां परे हे
करिया गोरिया सब ला
मन बैरी हा ठगे हे
सरग-नरक ल छिन मा लमरय
सुते-सुते खटिया मा
झरर-झरर बरय बुतावय
जइसे भूरी रहेटिया मा
माया के धुन्धरा म लगथे
मन आत्मा हा सगे हे
मन के जीते जीत हे
हारही कइसे मन ह
रात सुरूज दिखय नही
हरहिंछा घूमय मन ह
‘मैं‘ जानय न अंतर
मन म अइसन पगे हे
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