घोठा के धुर्रा माटी मा, जनमे पले बढ़े हे नवागढ़ के फुतकी, चुपरे हे नाम मा । हास्य व्यंग के तीर ला, आखर-आखर बांध आघू हवे अघुवाई, संचालन काम मा । धीर-वीर गंभीर हो, गोठ-बात पोठ करे रद्दा-रद्दा आँखी गाड़े, कविता के खोज मा । घोठा अउ नवागढ़, बड़ इतरावत हे श्यामबिहारी के टूरा, देहाती मनोज मा ।। -रमेश चौहान
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले