जइसे तन धोथस तैं मल के, मन ला कब धोथस गा तन के ।
तन मा जइसे बड़ रोग लगे, मन मा लगथे बहुते छनके ।।
मन देखत दूसर ला जलथे, जइसे जब देह बुखार धरे ।
मन के सब लालच केंसर हो, मन ला मुरदा कस खाक करे ।।
तन मा जइसे बड़ रोग लगे, मन मा लगथे बहुते छनके ।।
मन देखत दूसर ला जलथे, जइसे जब देह बुखार धरे ।
मन के सब लालच केंसर हो, मन ला मुरदा कस खाक करे ।।
मन के उपचार करे बर तो, दवई धर लौ निक सोच करे ।
मन के मइले तन ले बड़का, मन ला मल ले भल सोच धरे ।।
मन लालच लोभ फसे रहिथे, भइसी जइसे चिखला म धसे ।
अपने मन सुग्घर तो कर लौ, जइसे तुहरे तन जोर कसे ।।
मन के मइले तन ले बड़का, मन ला मल ले भल सोच धरे ।।
मन लालच लोभ फसे रहिथे, भइसी जइसे चिखला म धसे ।
अपने मन सुग्घर तो कर लौ, जइसे तुहरे तन जोर कसे ।।
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