दाई बहिनी गाँव के, पारत हे गोहार । दारू भठ्ठी बंद हो, बचै हमर परिवार ।। बचै हमर परिवार, मंद मा मत बोहावय । लइका हमर जवान, इही मा झन बेचावय ।। जेखर सेती वोट, हमन दे हन गा भाई । वादा...
शब्दों की सादगी में अनंत आकाश रचने वाले साहित्यकार
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विनोद कुमार शुक्ल (1 जनवरी 1937 – 23 दिसंबर 2025) हिंदी साहित्य के आकाश में
एक शांत, उजली और अत्यंत मानवीय रोशनी बुझ गई।छत्तीसगढ़ के गौरव, प्रसिद्ध
कवि, कथ...
1 दिन पहले