अपने तै परभाव, परख ले गा दुनिया मा । कहां कदर हे तोर, हवय का घर कुरिया मा ।। फुलथे जब जब फूल, खुदे ममहाथे संगी । फूल डोहड़ी मान, काम हे तोर लफंगी ।।
पुस्तक: मानसिक शक्ति-स्वामी शिवानंद
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मानसिक शक्ति THOUGHT POWER का अविकल रूपान्तर लेखक श्री स्वामी शिवानन्द
सरस्वती
3 माह पहले