धरे उदासी बोलय जमुना घाट । कती हवय अब छलिया तोरे बाट ।। नाग कालिया कई-कई ठन आज । मोरे पानी मा करत हवय राज ।। कहां लुका गे बासुरीवाला मोर । कहां लुका गे तैं मोहन चितचोर ।। घाट घठौंदा मोर भटत हे जात । काबर अब तैं इहां नई तो आत ।।
सुवा गीत-डाॅ. विनोद कुमार वर्मा
-
डाॅ विनोद कुमार वर्मा एक व्याकरणविद्,कहानीकार, समीक्षक हैं । आपको छत्तीसगढ़
शासन ने लाला जगदलपुरी साहित्य पुरस्कार 2025- राज्य अलंकरण से विभूषित किया
है । ...
1 हफ़्ते पहले