कहां देवता हे इहां कोन जाने ।
न जाने दिखे ओ ह कोने प्रकारे ।।
इहां देवता हा करे का बुता हे ।
सबो प्रश्न के तो जवाबे ददा हे ।।
ददा मोरे ब्रम्हा देह मोरे बनाये ।
मुँहे डार कौरा ददा बिष्णु मोरे ।।
शिवे होय के दोष ला मोर मांजे ।
ददा हा धरा के त्रिदेवा कहाये ।।
कभू देख पाये न आँसू ल मोरे ।
मने मोर चाहे जऊने ददा दै ।।
खुदे के मने ला ददा हा दबाये ।
जिये हे मरे हे ददा मोर सेती ।।
भरे हाथ कोरा दिने रात मोला ।
खुदे संग खवाये धरे हाथ कौरा ।।
खुदे पीठ चढ़ाये ददा होय घोड़ा ।
धरे हाथ संगी बने हे ददा हा ।।
न जाने दिखे ओ ह कोने प्रकारे ।।
इहां देवता हा करे का बुता हे ।
सबो प्रश्न के तो जवाबे ददा हे ।।
ददा मोरे ब्रम्हा देह मोरे बनाये ।
मुँहे डार कौरा ददा बिष्णु मोरे ।।
शिवे होय के दोष ला मोर मांजे ।
ददा हा धरा के त्रिदेवा कहाये ।।
कभू देख पाये न आँसू ल मोरे ।
मने मोर चाहे जऊने ददा दै ।।
खुदे के मने ला ददा हा दबाये ।
जिये हे मरे हे ददा मोर सेती ।।
भरे हाथ कोरा दिने रात मोला ।
खुदे संग खवाये धरे हाथ कौरा ।।
खुदे पीठ चढ़ाये ददा होय घोड़ा ।
धरे हाथ संगी बने हे ददा हा ।।
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