दाई बहिनी गाँव के, पारत हे गोहार । दारू भठ्ठी बंद हो, बचै हमर परिवार ।। बचै हमर परिवार, मंद मा मत बोहावय । लइका हमर जवान, इही मा झन बेचावय ।। जेखर सेती वोट, हमन दे हन गा भाई । वादा...
दत्त, दयाध्वं और दम्यत ही क्यों?-डॉ. अर्जुन दुबे
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-डॉ. अर्जुन दुबेअंग्रेजी के सेवानिवृत्त प्रोफेसर,मदन मोहन मालवीय
प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय,गोरखपुर (यू.पी.) 273010भारतफोन. 9450886113
बीसवीं शताब्दी के मह...
1 दिन पहले