कुची हथौड़ा के किस्सा । मनखे मन के हे हिस्सा
हथौड़ा ह ताकत जोरय । कुचर-कुचर तारा टोरय ।
अतकी जड़ कुची ह रहिथे । मया म तारा ले कहिथे
मया मोर अंतस धर ले । अपने कोरा मा भर ले
जब तारा-चाबी मिलथे । मया म तारा हा खुलथे
एक ह जोड़े ला जानय । दूसर टोरे मा मानय
लहर-लहर झाड़ी डोले । जब आंधी हा मुँह खोले
रूखवा ठाड़े गिर परथे । अकड़न-जकड़न हा मरथे
हथौड़ा ह ताकत जोरय । कुचर-कुचर तारा टोरय ।
अतकी जड़ कुची ह रहिथे । मया म तारा ले कहिथे
मया मोर अंतस धर ले । अपने कोरा मा भर ले
जब तारा-चाबी मिलथे । मया म तारा हा खुलथे
एक ह जोड़े ला जानय । दूसर टोरे मा मानय
लहर-लहर झाड़ी डोले । जब आंधी हा मुँह खोले
रूखवा ठाड़े गिर परथे । अकड़न-जकड़न हा मरथे
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